ललितपुर जनपद उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड में स्थित एक अत्यन्त पिछड़ा हुआ जनपद है। इसकी कुल आवादी 15 लाख है। यहाॅ सहरिया जनजाति भी पायी जाती है, जिनका आश्रय अधिकतर वन ही होता है। इस जिले के निवासियों का जीविकोपार्जन मुख्यतः कृषि और पत्थर के खनन से होता है। पथरीली जमीन, पानी की समस्या, रोजगार के कम साधन तथा किसानों के पास भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े कुछ एैसे कारण हैं जिससे ललितपुर अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाया। इसीलिये गरीबी और अन्य समस्यायें मुख्य तौर से प्रतिबिम्बित होती हैं। इसी प्रकार की समस्यायें और अभाव से ग्रस्त ग्रामीण जीवन उत्तर प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले में देखने को मिलता है।इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर ललितपुर जिले में एक अभिनव प्रयास के रूप में जन-जन चौपालों को प्रारम्भ किया गया। इन चौपालों का प्रथम उद्देश्य शिकायतों एवं समस्याओं का मौके पर निस्तारण होता है, अर्थात, 1 ही दिन में उस गाॅव की अधिक से अधिक समस्याओं/लम्बित शिकायतों को हल करना (20-20 मैच की तरह)इन जन-जन चौपालों में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमें गाॅव में जाती हैं। जिले के जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ 16 जिला स्तरीय विकास विभाग के अधिकारियों/मजिस्ट्रेटों की टीम बनाकर एक साथ एक ही दिन 16 ग्रामों में जन-जन चौपालों का आयोजन किया जाता है, जिसमें 48 विन्दुओं पर चर्चा करते हुये शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया जाता है। प्रातःकाल से ही ये चौपालें लग जाती हैं जिनमें ग्रामीण स्तर के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित होते हैं जैसे कि ग्राम विकास अधिकारी, शिक्षा मित्र, आॅगनबाड़ी कार्यकत्रियाॅ, लेखपाल, अमीन, शिक्षकगण, आशा, ए.एन.एम इत्यादि। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इन चौपालों में प्रायः उपस्थित रहते हैं। स्थानीय अधिकारी/कर्मचारी एक दिन पूर्व उस गाॅव में पूरा दिन बिताते हैं, ताकि शिकायतों को गहराई से गम्भीरतापूर्वक संवेदनशीलता से हल कराया जा सके।चौपाल में शासन की प्राथमिकता की योजनायें जैसे कि समाजवादी पेंशन, लोहिया ग्रामीण आवास, कौशल विकास मिशन, कुपोषण हटाओ मिशन आदि योजनाओं के साथ-साथ अन्य समाज कल्याण की योजनायें जैसे कि वृध्दावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, निःशक्त जन पेंशन, शादी अनुदान, कृषि एवं वागवानी की योजनायें इत्यादि का सीधा पात्रतानुसार लाभ दिलाया जाता है। चिकित्सा, शिक्षा, पशुपालन, जलसंरक्षण, स्वच्छता, आदि विषयों के साथ-साथ लड़कियों को समाज में बराबरी का स्थान दिलाना, मनरेगा, ग्रामीण रोजगार योजनाऐं तथा शराब न पीने की दिशा में बृहद स्तर पर जागरूकता फैलाई जाती है तथा कार्य किये जाते है। साथ ही, गत वर्षों में कराये गये सरकारी कार्यों की समीक्षा, सोशल आॅडिट, अपराध, पुलिस एवं सुरक्षा से जुड़े हुये विषय, भूमि विवाद, कानून एवं व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी जनता से साधे सम्बाद स्थापित किया जाता है।
इन जन-जन चौपालों में बर्षों पुराने वादों का निस्तारण आपसी समझौते के आधार पर कराने का प्रयास किया जाता है जिसमें काफी हद तक सफलता प्राप्त हो रही है तथा अच्छे परिणाम आ रहे है। चौपाल में प्राप्त शिकायतों में से 95 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण उसी दिन मौके पर हो जाता है। जन-जन चौपाल के अच्छे परिणामों को देखते हुये मा0 पूर्व मुख्यमंत्री जी ने सराहना व्यक्त करते हुये इसे सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड मे लागू करने के निर्देश दिये है। |
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जन-जन चौपाल: एक नजर में |
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भूमि विवाद विभिन्न स्वरूपों में आता है, जिसके कारण प्रायः अप्रत्यक्ष रूप से शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जन सामान्य को विभिन्न संचालित शासकीय योजनाओं से तत्काल लाभान्वित किया जाना आवश्यक है तथा यथा सम्भव उनकी समस्याओं को अतिशीघ्र निस्तारित कर दिया जाना जरूरी है। इस उद्देश्य से आवेदकगणों की तत्काल समस्याओं के निस्तारण हेतु इस जनपद के चिन्हित स्थानों पर संलग्न सूची के अनुसार उनके नाम के सामने अंकित स्तम्भ-3 में वर्णित तिथियों में अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति में एक चौपाल प्रत्येक शनिवार को प्रातः 10.30 बजे से कार्य समाप्ति तक आयोजित की जाये। इस चौपाल में सम्बन्धित विभागों के अधिकारी/कर्मचारीगण अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करेंगे, तथा चौपाल में निस्तारित किये गये विवादों की प्रगति से उसी दिन रात्रि 09.00 बजे तक अधोहस्ताक्षरी को अवगत करायेंगे।इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जावे कि इस चौपाल के माध्यम से ग्राम की समस्त समस्याऐं निराकृत कर दी जावे, पुनः कोई समस्या अवशेष न रहे। इसके लिए यह भी उचित होगा कि चौपाल की सूचना ग्रामवासियों को जरिए मुस्तहरी मुनादी द्वारा दे दी जावे। समस्याओं के ससमय निस्तारण करने की दृष्टि से चिन्हित ग्रामों मे ग्राम के लेखपाल/राजस्व निरीक्षक/ना0तहसीलदार /तहसीलदार /विकास विभाग के कर्मचारी/अधिकारी तथा पुलिस विभाग के कर्मचारी/अधिकारी चौपाल के एक दिन पूर्व ग्राम में उपस्थित होकर ग्राम के सिविल वादों की स्थिति की जानकारी लेगें तथा प्रारूप-3 मेें शिकायतों को पंजीकृत करते हुए उनके निस्तारण की कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें तदानुसार नियत तिथि में चौपाल की अध्यक्षता करने वाले अधिकारीगणों के पर्यवेक्षण में समस्याओं का समाधान आपसी समझौते के आधार पर (न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को छोड़कर) कराएंगे। इस प्रकार किए गए निस्तारण का फोटोग्राफ भी प्राप्त करेंगे। खण्ड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि वह इस कार्यक्रम में स्वयं तथा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रखें, उपरोक्तानुसार सभी विभाग आपस में समन्वय स्थापित करके समस्याओं का समाधान करेंगे। जन चौपालों को और अधिक प्रभावी बनाने की दृष्टि से जनपद के राजस्व अधिकारी सम्बन्धित ग्रामों के अपने-अपने न्यायालयों में लम्बित राजस्व वादों की सूची भूलेख कार्यालय को उपलब्ध करायेगें, जो इन सूचियों को चौपाल की अध्यक्षता कर रहे अधिकारी को प्रेषित करेंगे। इस प्रकार चौपाल की अध्यक्षता कर रहे अधिकारी जन समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ प्राप्त सूची के आधार पर राजस्व/सिविल वादों को सुलह समझौता के आधार पर निस्तारण का प्रयास करेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने कर्मचारियों के माध्यम से चौपाल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुये योजनाओं का लाभ मुहैया करायेंगे। इन चौपालों में आने वाली समस्त शिकायतों के निराकरण का दायित्व चौपाल की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी का होगा।इस चौपाल में सर्व प्रथम उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति संलग्न प्रारूप-1 पर सुनिश्चित की जावेगी। तदोपरान्त प्रारूप-2 पर चौपाल में उपस्थित ग्राम के सम्भ्रांत नागरिकगणों का नाम अंकन किया जावे। प्रारूप-3 पर चौपाल के दौरान जो जन समस्यायें प्रकाश में आयेंगी, उनका विवरण अंकित किया जावेगा तथा प्रारूप-4 पर जन समस्याओं के निस्तारण का विवरण अंकित होगा। चौपाल हेतु राजस्व/पुलिस तथा अन्य विभागों के निम्नलिखित विचारणीय बिन्दु होंगे-(अ) राजस्व विभाग-
1- राजस्व वाद यथा 33/39, 34, 41 एल0आर0एक्ट एवं ज0वि0अ0 की धारा 176 के प्रकरण। 2- वरासत की स्थिति। 3- पट्टा धारकों के सीमांकन। 4- गांव सभा/सार्वजनिक उपयोग में आने वाली भूमि यथा तालाब, पोखर, रास्ता आदि की भूमि का सत्यापन। 5- भू-अभिलेखों की लिपिकीय त्रुटियां (पक-23 के मामले) 6- सीमा विवाद (जो न्यायालय में विचाराधीन नहीं है)। 7- सिविल वाद (मान्नीय न्यायालयों में लम्बित वाद) (ब) पुलिस विभाग- 1- शस्त्र लाइसेन्स का सत्यापन। 2- हिस्ट्रीशीटर की जाॅच। 3- रजिस्टर नम्बर-8 की जाॅच। 4- जिला बदर व्यक्तियों की जाॅच। 5- अन्य गैर कानूनी गतिविधियों की जानकारी व समाधान। अन्य बिन्दु-(डा0राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना) (स) अवस्थापना सुविधायें। 1- सम्पर्क मार्ग निर्माण। 2- ग्रामीण विद्युतीकरण। 3- आन्तरिक गलियों का निर्माण (सी0सी0रोड एवं के0सी0ड्रेन) 4- स्वच्छ पेयजल नवीन/रीबोर। 5- तालाबांे का जीर्णाेद्धार। 6- प्रा0वि0 की स्थापना/भवन निर्माण। 7- उ0प्रा0वि0 की स्थापना/भवन निर्माण। 8- आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना। 9- वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था। 10-वैकल्पिक मार्ग प्रकाश व्यवस्था। (द) लाभार्थीपरक कार्यक्रम 1- स्वच्छ शौचालय निर्माण। 2- आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराना (इन्दिरा आवास एवं लोहिया आवास) 3- महात्मा गाॅधी रा0रो0गा0 कार्यक्रम। 4- किसान क्रेडिट कार्ड वितरण। 5- पशुओं का टीकाकरण। 5- मिड्डेमील वितरण। 6- वर्दी वितरण। 7- सार्वजनिक वितरण प्रणाली। 8- राशन कार्डों की स्थिति। 9- निराश्रित/विधवा पेंशन अनुदान योजना। 10-पुत्रियों का विवाह/पुर्नविवाह योजना। 11-पूर्वदशम छात्रवृत्ति/दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शादी, बीमारी अनुदान योजना। 12-विकलांग जन विकास योजनायें। 13-बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार। (य) चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा एन0आर0एच0एम0 द्वारा संचालित कार्यक्रम। 1- जननी सुरक्षा योजना। 2- जननी शिशु सुरक्षा योजना। 3- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम। 4- परिवार कल्याण कार्यक्रम। 5- ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (नियमित टीकाकरण) 6- राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम। 7- राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम। 8- राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम। 9- एन0सी0डी0 कार्यक्रम। 10-पोषण पुर्नवास केन्द्र। 11-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना। 12-राष्ट्रीय बैक्टर जनित रोग कार्यक्रम। 13-राज्य आरोग्य निधि सहायता। |
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जन-जन चौपाल हेतु चिन्हित ग्रामों की सूची |
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