Uttar Pradesh IAS Association

‘संवर्धन’

‘‘संवर्धन’’
उद्देश्य:-जनपद शाहजहाँपुर में कुपोषित/अतिकुपोषित 00 से 06 वर्ष के बच्चों शिशुओं/बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने हेतु कुपोषण उन्मूलन अभियान ‘‘संवर्धन’’ का आरम्भ किया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद शाहजहाँपुर के अतिकुपोषित बच्चों को आगामी 06 माह के भीतर कुपोषण से मुक्त करने एवं आगामी पीढ़ी को स्वस्थ रखने का संकल्प लिया गया है। इस अभियान को क्रियान्वित किए जाने के लिए जनपद में कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उनको नियमित रूप से पोषाहार उपलब्ध कराना तथा समय-समय पर चिकित्सक से परीक्षण कराकर आवश्यक आदि उपलब्ध कराया जाना है। इस कार्य हेतु बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रो मे पंजीकृत बच्चों को कम्प्यूटर में सूचीबद्व कराकर सभी बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाना निम्नानुसार चरणवार कार्ययोजना तैयार की गई है:-
2-सर्वेक्षणः-जनपद शाहजहाँपुर में बच्चों के स्वास्थ्य एवं कुपोषण के प्रति अज्ञानता एवं जागरुकता के अभाव में समय से पोषाहार न दिए जाने के कारण उनमें व्याप्त कुपोषण की जानकारी करने हेतु प्रत्येक क्षेत्र में सर्वे कराकर 00 से 06 वर्ष के बच्चों का परीक्षण के आधार पर कुपोषित/अतिकुपोषित चिन्हित स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अपने क्षेत्रीय एवं ग्रामस्तरीय कर्मचारियों के माध्यम से बच्चों का वजन तथा उनकी लम्बाई का माप कर डाटा एकत्रित किया गया।सर्वे में कुल 278539 बच्चों का वजन तथा उनकी लम्बाई मापी गई, जिसके आधार पर 45512 बच्चे कुपोषित तथा 6267 बच्चे अतिकुपोषित पाए गए। सर्वे में जनपद में अत्यधिक संख्या में कुपोषित/अतिकुपोषित पाए गए बच्चों के एकत्रित डाटा के आधार पर जनपद से कुपोषण उन्मूलन हेतु एक प्रभावी रणनीति की आवश्यकता महसूस की गई, जिस हेतु सवंर्धन सोसाइटी का सृजन किया गया।
3-संवर्धन संस्था का गठन:-सर्व प्रथम जनपद शाहजहाँपुर में कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित किए जाने हेतु स्वयंसेवी संस्था का गठन किया गया है तथा इस संस्था को वैधानिक रूप से पंजीकृत कराया कराया गया है। यह स्वयं सेवी संस्था जिलाधिकारी, शाहजहाँपुर की अध्यक्षता में अर्द्ध-सरकारी प्रारूप पर कार्य कर रही है। मुख्य विकास अधिकारी, शाहजहाँपुर इस संस्था के सचिव नियुक्त किए गए हैं तथा जनपद के विभिन्न जिलास्तरीय अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक इस संस्था के सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त स्थानीय मा0 जनप्रतिनिधिगण इस संस्था के संरक्षण समिति के सदस्य होंगे। इस संस्था के कोष में जमा हुई धनराशि तथा व्यय हुई धनराशि का परीक्षण अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) की अध्यक्षता में गठित लेखा परीक्षक दल जिसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी भी सम्मिलित है, के द्वारा किया जाएगा। उक्त लेखादल प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर उक्त संस्था की आय-व्यय का विवरण अध्यक्ष को सौंपेंगे।
3-मेलन्यूट्रीशन ट्रैकिंग साफ्टवेयर :-संवर्धन संस्था द्वारा जनपद के बच्चों में कुपोषण को दूर करने हेतु प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए ‘‘मेलन्यूट्रीशन ट्रैकिंग साफ्टवेयर‘‘ तैयार कराया गया है। इस साफ्टवेयर के माध्यम से सर्वे में चिहिन्त किए गए बच्चों को कम्प्यूटर में दर्ज कर उनको पर्याप्त पोषाहार एवं आवश्यक औषधि आदि उपलब्ध कराई जाएगी यह साफ्टवेयर निम्न प्रणाली के आधार पर कार्य कर रहा है:-
1 संवर्धन हेतु निर्मित होने वाले साफ्टवेयर के माध्यम से जनपद में किए गए सर्वे के आधार पर कुपोषित/अतिकुपोषित पाए गए बच्चों के विस्तृत डाटा को कम्प्यूटर में संकलित किया जा रहा है।
2 संकलित डाटा के आधार पर कुपोषित/अतिकुपोषित क्षेत्रों को चिहिन्त कर कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभावी कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। साफ्टवेयर के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की नियमित जानकारी एकत्रित कराई जा रही है, जिसमें केन्द्र खुला है अथवा नहीं। बच्चों को नियमित पोषाहार दिया जा रहा है अथवा नहीं आदि का पर्यवेक्षण साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है।
3 इस साफ्टवेयर के माध्यम से प्रत्येक माह पर बच्चों की ट्रैकिंग कराकर उनको पोषाहार दिये जाने, उनका वजन लिए जाने, लम्बाई मापन संबंधी सूचना/जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
4 साफ्टवेयर के माध्यम से प्राप्त आंकणों के आधार पर गत माहों की प्रगति से तुलना की जा रही है ।
4-संवर्धन कोष:-जनपद में संवर्धन के कुशल संचालन हेतु आवश्यक धनराशि को स्वैच्छिक दान के माध्यम से एकत्र किया जा रहा है। इस धनराशि के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मूलभूत सुविधाएं यथा: आंगनवाड़ी केन्द्र का जीर्णोद्धार, रंगाई-पुताई व सुसज्जीकरण, अतिकुपोषित बच्चों को दूध, फल, थ्रेप्टिन बिस्किट्स एवं वाॅर्नबीटा आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जनपद में कुपोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
5-आंगनवाड़ी केन्द्र/प्लेस्कूल:- संवर्धन के क्रियान्वयन व जनपद को बाल कुपोषण से मुक्त करने हेतु आंगनवाड़ी केन्द्रों की भूमिका प्रमुख है, जो कि प्राथमिक इकाई के रूप में इस कार्यक्रम में महत्व रखता है। ऐसे में जनपद में स्थापित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का जीर्णोद्धार एवं उनका सुसज्जीकरण किया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस कार्य हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के पारस्परिक सहयोग से जनपद में स्थापित आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की मरम्मत, रंगाई-पुताई एवं सुसज्जीकरण कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। सुसज्जीकरण प्रक्रिया के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों की दीवारों पर कुपोषण उन्मूलन संबंधी नारों, स्लोगनों एवं चित्रों की पेंटिग कराया जाना एवं आवश्यक/उपयोगी उपकरण आदि उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों की दीवारों पर बच्चों के लिए शिक्षाप्रद सूचनाएं/चित्र अंकित कराई गई हैं।इस प्रकार आंगनवाड़ी केन्द्रों को बच्चों के लिए एक प्ले-स्कूल के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिससे बच्चोें में केन्द्र के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो और वह खुशी-खुशी स्वेच्छा से केन्द्र मे आये इस क्रम में आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए आकर्षक एवं शिक्षाप्रद चित्रों, स्लोगनों को अंकित कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौनों एवं झूलों आदि की व्यवस्था की जा रही है।
8-प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम:-संवर्धन के प्रचार प्रसार हेतु होर्डिंग्स, पोस्टर, बैनर, पम्फ्लेट्स, स्टीकर को सम्पूर्ण जनपद के आबादी बाहुल्य क्षेत्रों के दर्शनीय स्थानों पर स्थापित/चस्पा कराया जाना, प्रिन्टेड कैप्स, प्रिन्टेड डायरीज़ एवं कैलेण्डर्स आदि छपवाकर उनको जनसामान्य में वितरित कराया जा रहा है। केबिल टीवी, लोकल चैनल्स, स्थानीय अखबारों आदि के माध्यम से प्रसारित कराया जाना रोडवेज बसों, स्थानीय आॅटो एवं वाहनों पर बैनरों/स्टीकर्स को चस्पा कर कर प्रचारित कराया जा रहा है। प्रचार वाहनों, नुक्कड़ नाटकों, के माध्यमों से तथा जनपद के समस्त पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में स्लोगनों, कविताओं एवं चित्रों की प्रतियोगिताएं आयोजित कराकर एन0एस0एस0 शिविरों का आयोजन कराकर, स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओं एवं क्लबों से सहयोग प्राप्त कर प्रचारित कराया जा रहा है।
9-इण्टरनेट पर उपलब्धता:-इण्टरनेट पर ’संबंर्धन’ के सम्बन्ध में अधिक जानकारी करने प्राप्त करने हेतु samvardhan.net पर लिंक किया जा सकता है।

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